नईदुनिया न्यूज, बलरामपुर। बलरामपुर जिले के लुत्ती जलाशय में मृत एक ही परिवार के पांच लोगों को नम आंखों से अंतिम विदाई दे दी गई। अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में गांववाले और रिश्तेदार जुटे। घटना में लापता मासूम सहित दो लोगों का अभी तक पता नहीं चल सका है। प्रशासनिक स्तर पर उनकी तलाश की जा रही है। इस घटना ने ऐसा दर्द दिया है कि न सिर्फ प्रभावित परिवार बल्कि समूचा गांव अभी भी शोकमग्न है। टूटे घर, नष्ट हुई फसलें तथा मृत बकरे-बकरियां तबाही की निशानी बनकर अभी भी नजर आ रही हैं।
मंगलवार की रात धनेशपुर गांव के लुत्ती जलाशय का बड़ा हिस्सा टूट गया था। बाढ़ का पानी घरों में घुस गया था। लोग जलप्रवाह में बह गए थे। घटना में रामवृक्ष सिंह की पत्नी,दो बहु, पोती-पोता समेत पांच लोगों की मौत हो गई थी। उनका एक पोता तथा गांव का एक व्यक्ति अब भी लापता है। रामवृक्ष सिंह भी कई मीटर तक बह गए थे। उन्हें भी चोटें आई थी। उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था। मृतकों के शवों को मोर्चरी में रखा गया था। रामवृक्ष के दोनों बेटे चेन्नई में काम के सिलसिले में गए थे। दोनों बेटों के लौट आने के बाद मृतकों का अंतिम संस्कार किया गया।
रामवृक्ष सिंह की पत्नी मृतका बतसिया सिंह का अग्नि संस्कार किया गया। उनकी बड़ी बहु चिंता सिंह (35), बेटी प्रिया (10) तथा छोटी बहु रजंती सिंह (30) व उसके पुत्र कार्तिक सिंह के शव को दफन किया गया। एक साथ जब इनकी अर्थी निकली तो पूरा गांव रो उठा। स्वजन ने बताया कि मृतका चिंता सिंह व रजंती सिंह गर्भवती थी। परिवार के लोग नए सदस्य आने की जानकारी से ही खुश थे। इस घटना ने परिवार की खुशियां छीन ली। पूरा परिवार तबाह हो गया है। घटना में रामवृक्ष सिंह सुरक्षित बचे थे। इनकी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे हैं। पूरी घटना से वे स्तब्ध हैं। कुछ बोल पाने की स्थिति में नहीं है। प्रशासन द्वारा अंतिम संस्कार के लिए जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई थी।
लापता मासूम और अधेड़ की तलाश अभी भी जारी है। गांववालों ने बताया कि कुछ बकरे-बकरियों और गो वंश का शव अभी भी खुले में पड़ा हुआ है। इससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है। एक बार प्रभावित क्षेत्र की सघन तलाशी और साफ-सफाई कराए जाने की आवश्यकता है।
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लुत्ती जलाशय टूटने की घटना के बाद बलरामपुर जिले के सभी जलाशयों की जांच कराई जा रही है। खासकर गुणवत्ता देखी जा रही है कि जलाशय की स्थिति कैसी है। अधिकारियों ने बताया कि निरीक्षण में जहां कमी नजर आएगी, वहां सुधार कार्य कराया जाएगा। इतनी बड़ी घटना के बाद भी अभी तक कारणों की जांच आरंभ नहीं की गई है। गांववाले दावा कर रहे हैं कि कई दिनों से जलाशय का रिसाव हो रहा था। इस बात की जानकारी विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों को भी थी। इसके बाद भी सुधार की पहल नहीं की गई। इसका नतीजा यह हुआ कि जलाशय टूट गया। विभाग की ओर से इस घटना के लिए अभी तक किसी पर भी जिम्मेदारी तय नहीं की गई है।