नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: राजधानी में डिजिटल अरेस्ट कर दो लोगों से एक करोड़ की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। रेंज साइबर सेल पुलिस ने दिल्ली, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपी ठगी के मास्टरमाइंड बताए जा रहे हैं। जो कंबोडिया गैंग के सदस्य हैं।
गिरफ्तार आरोपियों में मनीष पाराशर (नार्थ ईस्ट दिल्ली, गोकुलपुरी), अर्जुन सिंह (हाथरस, उत्तरप्रदेश), राहुल मर्कड (अहमदनगर, महाराष्ट्र), आकाश तुषरानी (उल्लासनगर, महाराष्ट्र) और लखन जाटव (उज्जैन, मध्यप्रदेश) शामिल हैं। ठगों ने पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में शिक्षा विभाग के रिटायर्ड क्लर्क से पुलिस जांच का भय दिखाकर 14 लाख और गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर संतोष दबड़घाव से 88 लाख रुपये की ठगी की थी।
गैंग का मास्टर माइंड मनीष पाराशर और अर्जुन सिंह है। मनीष का दोस्त रूद्र दुबई में रहता है। रुद्र दुबई से जब दिल्ली आया तो उसने ठगी का तरीका बताया। रूद्र ने मनीष को बताया कि कैसे डिजिटल अरेस्ट कर लोगों को डरा-धमकाकर रुपये ऐंठे जा सकते हैं। इसके बाद मनीष ने अपने साथी अर्जुन के साथ मिलकर गिरोह का नेटवर्क खड़ा किया।
गिरोह के अन्य सदस्य राहुल, आकाश और लखन देशभर में घूम-घूमकर नए लोगों को नेटवर्क से जोड़ते थे। वे किराए पर जगह लेकर फर्जी दस्तावेजों से कारोबारी समूह बनाते। एक आफिस खोलते इसके बाद उनके नाम पर बैंक अकाउंट खुलवाते थे। अकाउंट्स में ठगी की रकम पहुंचती थी।
ठग रकम को पहले फर्जी खातों में डालते, फिर उसे कंबोडिया और थाईलैंड के रास्ते विदेश भेजते थे। वहां रकम को डालर और क्रिप्टोकरेंसी में कंवर्ट कराकर दोबारा अपने अकाउंट में मंगवाते थे। इस तरीके से वे रकम होल्ड होने से बच जाते थे।
ठगों ने गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रोफेसर संतोष दबड़घाव (62) को 28 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा था और 88 लाख रुपये ठग लिए थे। ठगों ने खुद को टेलीकाम विभाग और पुलिस अधिकारी बताकर प्रोफेसर को मनी लांड्रिंग, मानव तस्करी और एक्सटार्सन जैसे गंभीर अपराधों में फंसाने का डर दिखाया। 19 जून से 16 जुलाई के बीच बार-बार काल कर झांसे में लिया गया। अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कराई गई।
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पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र निवासी शिक्षा विभाग के रिटायर्ड क्लर्क रामेश्वर देवांगन को ठगों ने डराकर 14 लाख रुपये ऐंठ लिए। आरोपितों ने खुद को टेलीकाम विभाग और सीबीआइ अधिकारी बताकर वाट्सएप वीडियो काल पर लगातार जोड़े रखा और फर्जी लेटर दिखाकर बैंक अकाउंट की जांच के नाम पर रकम ट्रांसफर कराई। पीड़ित ने 15 से 17 जुलाई के बीच अलग-अलग किश्तों में 14 लाख रुपये दिए।
ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत लगातार कार्रवाई की जा रही है। डिजिटल अरेस्ट के मामले में पांच आरोपितों को पकड़ा गया है। इनके पास से मिले बैंक खातों की जांच भी की जा रही है। अन्य आरोपितों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
- अमरेश मिश्रा, आइजी, रायपुर, रेंज