नईदुनिया प्रतिनिधि, रायपुर: रायपुर में जालसाजों के निशाने पर बुजुर्ग हैं। ‘डिजिटल अरेस्ट’ कर बुजुर्गों से करोड़ों की ठगी की गई है। राजधानी के राखी, विधानसभा और पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र के तीन बुजुर्ग जिनमें दो महिलाएं शामिल हैं। इनसे से लगभग दो करोड़ रुपये की ठगी की गई है।
पुलिस के मुताबिक, जालसाज चोरी का डेटा हासिल कर बुजुर्गों को टारगेट कर रहे हैं। वे खुद को सीबीआई, ईडी या बैंक अधिकारी बताकर अकाउंट में संदिग्ध लेन-देन की बात कहते हैं और गिरफ्तारी का डर दिखाकर रकम अपने खातों में ट्रांसफर करा लेते हैं। साइबर क्राइम पुलिस ने बुजुर्गों से अपील की है कि अनजान काल पर किसी भी तरह की बैंक डिटेल न दें और तुरंत पुलिस को सूचना दें।
राखी थाना क्षेत्र के 60 वर्षीय सेवानिवृत्त लिपिक को जालसाजों ने फोन कर बताया कि उनके बैंक खाते में संदिग्ध लेन-देन हुआ है। जांच के नाम पर रकम अपने खाते में ट्रांसफर करने को कहा और रकम वापस करने का आश्वासन दिया। गिरफ्तारी के भय से पीड़ित ने लाखों रुपये ट्रांसफर कर दिए।
विधानसभा थाना क्षेत्र में रहने वाली महिला को जालसाजों ने बैंक अधिकारी बनकर काल किया। उन्होंने ‘डिजिटल अरेस्ट’ का भय दिखाया और कहा कि अगर तुरंत रकम ट्रांसफर नहीं की गई तो गिरफ्तारी हो जाएगी। महिला ने हड़बड़ी में जालसाजों के बताए खाते में रकम डाल दी।
पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र की पदस्थ डिप्टी डायरेक्टर को भी इसी तरह काल आया। जालसाज ने कहा कि उनका नाम मनी लांड्रिंग केस में जुड़ गया है और जांच में सहयोग न करने पर तुरंत गिरफ्तारी हो सकती है। महिला ने पैसे ट्रांसफर कर दिए।
पुलिस को शक है कि ठगों तक जानकारी बैंक में काम करने वाले पहुंचा रहे हैं। किसके खाते में कितनी रकम है और इसकी जानकारी दे दी जाती है। मोबाइल नंबर मिलने के बाद ठग जाल में फंसाते हैं और फिर ठगी को अंजाम देते हैं।
एएसपी, क्राइम संदीप मित्तल कहते हैं, 'हाल के दिनों में जिन बुजुर्गों से ठगी हुई है, उनके द्वारा ट्रांसफर किए गए खातों की जांच की जा रही है। जालसाज रकम म्यूल अकाउंट में डालकर तुरंत आहरण करते हैं। गिरफ्तारी के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है।'
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