राज्य ब्यूरो, नईदुनिया, भोपाल। सिंगरौली जिले के धिरौली में अदाणी पावर लिमिटेड कंपनी कोयला खदान का संचालन करेगी। कंपनी को खदान संचालन की स्वीकृति मिल गई है। धिरौली खदान की पीक उत्पादन क्षमता 6.5 मिलियन टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) है।
इसमें से पांच एमटीपीए उत्पादन ओपन कास्ट माइनिंग से और शेष भूमिगत खनन से होगा। भू-विज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार इस ब्लाक में 620 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) ग्रास जियोलाजिकल रिजर्व और 558 एमएमटी शुद्ध भंडार मौजूद है, जो आने वाले कई दशकों तक स्थिर आपूर्ति, ईंधन सुरक्षा और परिचालन स्थिरता सुनिश्चित करेगा।
जिम्मेदार खनन पहल के तहत, अदाणी पावर खदान क्षेत्र में ही कोयले को धोकर और प्रोसेस करके उसकी अशुद्धियों को यहीं सीमित रखेगी, ताकि बाहरी क्षेत्र में अनावश्यक उत्सर्जन न हो और पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव पड़े। यह अदाणी पावर की पहली कैप्टिव खदान है।
खदान की ओपन कास्ट पीक रेट क्षमता वित्त वर्ष 2027 तक हासिल करने का लक्ष्य है, जबकि भूमिगत खनन का आरंभ नौ वर्षों बाद किया जाएगा। अदाणी पावर के पास इस ब्लाक की 30 वर्ष की लीज़ है।
धिरौली ब्लाक से अदाणी पावर की मर्चेंट पावर आवश्यकताओं को पूरा करेगा और साथ ही 1,200 मेगावाट क्षमता वाले पावर प्लांट को आपूर्ति की जाएगी, जिसे वर्तमान में 3,200 मेगावाट तक विस्तारित करने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम हो रहा है।
अदाणी पावर को कोयला खदान की वन एवं पर्यावरण की अनुमति मिल चुकी है। इस आधार पर माइनिंग लीज ग्रांट आर्डर भी जारी हो चुका है। कोयला के विक्रय मूल्य का 14 प्रतिशत रायल्टी के रूप में मध्य प्रदेश शासन को मिलेगा।
फ्रेंक नोबल ए, संचालक, मप्र खनिज साधन विभाग।