नईदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। मालवा-निमाड़ अंचल में शुक्रवार को भी कई स्थानों पर तेज वर्षा हुई। उज्जैन में शिप्रा का जल स्तर फिर बढ़ गया है। इससे निचले इलाकों में पानी भर गया। नदी-नाले उफान पर हैं। रतलाम में सड़कों पर जहां दो-दो फीट पानी बहने लगा, वहीं उज्जैन के निचले क्षेत्रों के कई घरों-दुकानों में पानी घुस गया।
धार जिले में हालात बिगड़ने लगे हैं। धार के ग्राम मुलथान में चार मकान गिर गए। मनावर के पास ग्राम भुवादा में भी दीवार गिर गई। केसूर में में मुख्य बाजार पर पानी भर जाने से आवागमन बाधित रहा। यहां दुकानों और मकानों में पानी घुस गया। खरगोन जिले के महेश्वर में नर्मदा नदी का सामान्य जलस्तर 140 मीटर के आसपास रहता है। अभी 144 मीटर तक पहुंच गया है, जो सामान्य से चार मीटर अधिक है।
मंडलेश्वर, महेश्वर सहित अन्य नर्मदा के तटीय इलाकों में अलर्ट है। निचली बस्तियों में मुनादी के माध्यम से सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी जा रही है। जिले में 635.50 मिमी वर्षा दर्ज हो चुकी है, जबकि पिछले साल इस अवधि में 793.62 मिमी हुई थी। ओंकरेश्वर बांध के 21 और इंदिरा सागर बांध के 12 गेट खुले हुए हैं। ओंकारेश्वर बांध से करीब 10700 क्यूमैक्स पानी छोड़ने से नर्मदा नदी उफान पर है।
उज्जैन के खाचरौद के समीप बगेड़ी नदी के पुल को पार करते समय कार बह गई। हालांकि चालक को बचा लिया गया। गंभीर डैम के दो गेट खोले गए हैं। जिले में शुक्रवार सुबह तक कुल 726.5 मिमी वर्षा दर्ज की जा चुकी है। रतलाम जिले में अब तक औसत 1128.50 मिमी वर्षा हो चुकी है। कुल वर्षा 918.3 मिमी है। गत वर्ष इस अवधि में अब तक 866.25 मिमी वर्षा हुई थी।
देवास शहर में शुक्रवार को दो घंटे में 70 मिमी वर्षा हुई। इससे कई कालोनियों में जल जमाव होने से लोग परेशान हुए। नगर निगम ने कंट्रोल रूम बनाया है। शुक्रवार सुबह 8.30 बजे तक 24 घंटे में धार में 50, पीथमपुर में 80, खरगोन में 10.7 व रतलाम में 50 मिमी वर्षा दर्ज की गई।
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श्योपुर जिले की वीरपुर तहसील का दीमरछा गांव शुक्रवार को चंबल और कूनो नदी के पानी से घिर गया। मुख्य रास्ता बंद होने और गांव के पास कूनो और चंबल का संगम होने से स्थिति विकट हो गई। गांव की नीलम पत्नी कुलदीप रावत 24 साल की डिलीवरी होनी थी। जिला प्रशासन को सूचना मिली। इसके बाद एसडीआरएफ टीम ने महिला को सुरक्षित निकालकर एंबुलेंस से वीरपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाओं सहित 15 अन्य लोग भी निकाले गए।
भिंड में चंबल और क्वारी नदी खतरे के निशान के पास पहुंच गई हैं। अंचल के सबसे बड़े शिवपुरी के मड़ीखेड़ा डेम के गेट खोलकर लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे दतिया में सिंध नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण सेवढ़ा के छोटा पुल तक पानी पहुंच गया है।