नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। रेल और पुरातत्व विभाग में नौकरी लगाने का झांसा देकर एक करोड़ 80 लाख रुपये ठगने वाला चालक निकला। ठग खुद को रेलवे कर्मी और अफसरों का करीबी बताकर रुपये वसूल रहा था। उसने वाइस चेंजर एप का इस्तेमाल किया और रेलवे व पुरातत्व अफसर बनकर डॉक्टर और उसकी पत्नी से बातें भी की। डीसीपी (अपराध) राजेश कुमार त्रिपाठी के मुताबिक, शिवसिटी राजेंद्र नगर निवासी डॉ. सुभाष सोनकेसरिया की शिकायत पर आरोपित राकेश सुमन के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया था।
बुधवार रात पुलिस ने राकेश को मोबाइल लोकेशन के आधार पर देवास रोड से गिरफ्तार कर लिया। राकेश ने जया सोनकेसरिया, उर्मिला सोनकेसरिया और अनिता शंखपाल की नौकरी लगवाने का झांसा देकर डॉक्टर से रुपये लिए थे। पूछताछ में राकेश ने बताया कि वह इंडेक्स मेडिकल कॉलेज में गाड़ी चलाता था। डॉक्टर से इसी दौरान मुलाकात हुई और बताया कि उसकी हाल में रेलवे में नौकरी लगी है। डॉक्टर से पत्नी व रिश्तेदारों की नौकरी लगवाने के संबंध में भी बात हुई थी। डॉक्टर ने उस पर भरोसा कर रुपये देना शुरू कर दिया था।
राकेश नौवीं तक पढ़ा है। उसने गूगल से भर्ती प्रक्रिया और अफसरों के बारे में जानकारी निकाली और डॉक्टर को झांसा देता रहा। उसके मोबाइल में वॉइस चेंजर एप भी है। वह पुरातत्व और रेल अफसर बनकर जया, उर्मिला व अनिता की नौकरी के संबंध में बात करता था। डॉक्टर ने रुपये देना बंद कर दिया, तो राकेश ने उसे धमकाया और कहा कि सीबीआइ ने छापा मार कर अफसरों के घर से आवेदकों के दस्तावेज जब्त कर लिए। आरोपित ने सीबीआइ जांच से बचाने के नाम पर भी लाखों रुपये ऐंठ लिए। राकेश के पिता विजय कुमार सुमन पुरातत्व विभाग में नौकरी करते थे।
पुलिस ने रुपयों के संबंध में पूछताछ की तो राकेश ने बताया कि उसने लाखों रुपये पार्टी और टूर में उड़ा दिए। पत्नी के साथ मिलकर एक मकान भी खरीदा है। पुलिस ने राकेश की पत्नी से पूछताछ की तो उसने बताया कि पति ने उसके साथ भी फर्जीवाड़ा कर सारे जेवर बेच दिए। पुलिस के मुताबिक, राकेश ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर ने खुद भी आवेदकों से कमीशन लिया था। पुलिस के मुताबिक, राकेश ने रुपये दोस्त प्रकाश और पूनम के खाते में जमा करवाए हैं। पुलिस दोनों की भूमिका की जांच करेगी।