नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। सोशल मीडिया पर प्रसारित सामग्री बगैर पर देखे कमेंट्स, लाइक और फारवर्ड करना महंगा पड़ सकता है। पुलिस ऐसा करने वालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर सकती है। पुलिस आयुक्त संतोष कुमार सिंह ने शुक्रवार को सोशळ मीडिया पर कईं तरह के प्रतिबंध लगा दिए। सीपी कोर्ट से जारी आदेश में एडमिन की भी जिम्मेदारी तय की गई है।
एडिशनल डीसीपी (अपराध) राजेश दंडोतिया के मुताबिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, वाट्सएप, एक्स, इंस्टाग्राम, हाईक, एसएमएस, टेलिग्राम पर प्रसारित साम्प्रदायिक, सामाजिक और जातिगत भावनाओं एवं द्विवेष भड़काने वाली सामग्री पर भी लोग बगैर देखे कमेंट्स और लाइक कर देते है। कईं लोग ऐसी आपत्तिजनक पोस्ट को फारवर्ड कर देते है। ऐसा करने पर धारा 163 (नागरिक सुरक्षा संहिता) के तहत अपराध है। पुलिस उनके विरुद्ध धारा 223 के तहत एफआईआर दर्ज कर सकती है।
यह भी पढ़ें- Indore मेयर के बेटे ने गिनाई सरकार की नाकामियां, तो MP में गरमाई राजनीति, आमने-सामने आए दिग्विजय और कैलाश विजयवर्गीय
आयुक्त ने सात बिंदुओं पर आदेश जारी कर यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति ऐसे संदेशों को प्रसारित नहीं करेगा जिसके कारण व्यक्ति, संगठन और समुदाय के एकत्र होने की संभावना हो। एडीसीपी के मुताबिक कोर्ट ने बगैर अनुमति धरना, प्रदर्शन और भीड़ जुटा कर ज्ञापन सौंपने पर भी रोक लगा दी है। उन्होंने बगैर डॉक्टर की सलाह के नशीली दवाएं बेचने पर भी प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए है। नौकर, कर्मचारियों की जानकारी न देने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।