नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। लोकायुक्त इंदौर ने कार्रवाई करते हुए मंगलवार को खंडवा में बाल संप्रेषण गृह के अधीक्षक हरजिंदर सिंह अरोरा को रंगे हाथों पकड़ा।लोकायुक्त ने कार्रवाई पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस में की। अधीक्षक अरोरा ने बाल संप्रेषण गृह में भोजन बनाने वाली महिला से दो माह का वेतन निकालने के एवज में दो हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से चार हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
लोकायुक्त ने मंगलवार को चार हजार रुपये लेते हुए अधीक्षक अरोरा को रंगे हाथों पकड़ा।महानिदेशक लोकायुक्त योगेश देशमुख के भ्रष्टाचार के विरूद्ध सख्त निर्देश पर इंदौर लोकायुक्त इकाई ने यह कार्यवाही की।आवेदिका रतागढ़, हरसूद नाका खंडवा निवासी ज्योति पाल पति सुनील पाल बाल संप्रेषण गृह खंडवा में विगत चार वर्षों से भोजन बनाने का काम करती है।
आवेदिका की माह जून एवं जुलाई 2025 की वेतन का आहरण होना शेष था। जिसके लिए आवेदिका बाल संप्रेषण गृह खंडवा के अधीक्षक हरजिंदर सिंह अरोरा से मिली तो उनके द्वारा विगत दो माह के वेतन निकालने के एवज में आवेदिका से दो हजार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से चार हजार रुपये रिश्वत की मांग की गई तथा पैसे नहीं देने पर नौकारी से निकाल देने का कहा गया।
जिसकी शिकायत आवेदिका ने पुलिस अधीक्षक, विपुस्था, लोकायुक्त कार्यालय इंदौर राजेश सहाय को की थी।सत्यापन में शिकायत सही पाये जाने पर मंगलवार को ट्रेप दल का गठन किया गया और आरोपित अरोरा को आवेदिका से चार हजार रुपये रिश्वत राशि लेते हुए रंगे हाथो पकड़ा गया। आरोपित के विरुद्ध भ्रष्टाचार निवारण की धारा 7 के अंतर्गत कार्यवाही की गई।
कार्रवाई में इनकी भूमिका
कार्यवाही में निरीक्षक आशुतोष मिठास, कार्यवाहक निरीक्षक प्रतिभा तोमर, आरक्षक विजय कुमार, आरक्षक कमलेश परिहार, आरक्षक आशीष नायडू, आरक्षक चेतन सिंह परिहार, आरक्षक कमलेश तिवारी एवं चालक शेरसिंह ठाकुर शामिल थे।
एक सप्ताह पूर्व पकड़ाया था बैंक मैनेजर
महिला बाल विकास विभाग में डेढ़ साल में दूसरी कार्रवाई
उल्लेखनीय है कि महिला बाल विकास विभाग में आए दिन भ्रष्टाचार की शिकायतें होती है। वहीं लोकायुक्त द्वारा खंडवा महिला बाल विकास विभाग में की गई सालभर में यह दूसरी कार्रवाई की। इससे पहले 13 अप्रैल 2024 को जिले में इंदौर लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते महिला बाल विकास में छापा मारा था। यहां सामाजिक कार्यकर्ता मनोज दिवाकर और कंप्यूटर आपरेटर संजय जगताप को लोकायुक्त की टीम ने 36 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। दोनों ने मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना की राशि निकालने के एवज में रिश्वत ली थी।