केशव, नईदुनिया प्रतिनिधि, सारंगपुर। शासन के महत्वाकांक्षी शहरी पीएम आवास योजना में कई पात्र अब भी लाभ से वंचित हैं तो वहीं, कई अपात्र लोग इसका कुतरचित तरीके से लाभांवित हो रहे हैं। सारंगपुर नगरपालिका में भी प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़े फर्जीवाड़े के आरोप चुने हुए पार्षदों पर लग रहे हैं, जिनकी जांच में स्थानीय प्रशासनिक अमला रुचि नहीं ले रहा है, यही वजह है कि शिकायत कलेक्टर कार्यालय तक पहुंच गई है। दरअसल नगर पालिका वार्ड क्रमांक 18 पार्षद रुक्मिणी लववंशी के परिवार पर वार्ड के ही शिकायतकर्ता केशव ने शिकायत कर आरोप लगाया है कि पार्षद प्रतिनिधि ने बिना मकान बनाए ही योजना की राशि निकाल ली।
पार्षद रुक्मिणी बाई के पति भानु लववंशी ने निर्माण दिखाकर दो किस्तों में 2 लाख रुपये का भुगतान ले लिया। आरोप यह लगाए जा रहे हैं कि असल में मकान बना ही नहीं और फोटो किसी और के मकान के सामने खिंचवाकर फर्जी जियो टैगिंग की गई। इस मामले में सत्यापन करने वाले जिम्मेदारों की भूमिका भी संदिग्ध है। आरोप है कि उन्होंने मिलीभगत कर बिना निर्माण के भुगतान को मंजूरी दी। इसी तरह कई मामलों में पुराने मकानों को नया दिखाकर राशि निकाली गई। इससे साफ है कि यह सुनियोजित घोटाला है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का उद्देश्य 2022 तक सभी को आवास देना था। योजना शहरी गरीब, झोपड़ियों और कच्चे मकानों में रहने वाले, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और निम्न आय वर्ग के लिए है। नियम के अनुसार, हर किस्त से पहले जियो टैगिंग जरूरी है। निर्माण नहीं होने पर भुगतान नहीं किया जा सकता। फर्जीवाड़ा सामने आने पर लाभार्थी और जिम्मेदार कर्मचारी दोनों पर आईपीसी की धाराओं में कार्रवाई हो सकती है। मामले की शिकायत कलेक्टर तक पहुंच चुकी है। इसके बावजूद जांच की रफ्तार धीमी है।
जानकारी के अनुसार पार्षद लववंशी का पीएम आवास स्वीकृत हुआ और पार्षद बनने के पूर्व 25 जनवरी 2022 को प्रथम किस्त 1 लाख रुपये खाते में शासन से डाली गई। उसके बाद जुलाई 2022 में पार्षद निर्वाचित होने के बाद वर्ष 2024 में 25 जनवरी को खाते में दूसरी किस्त के रूप में 1 लाख रुपये की राशि और डल गई। जबकि नियमानुसार कोई भी निर्वाचित पार्षद नपा संबंधित शासन की किसी भी हितग्राही योजना का लाभ नहीं ले सकता है। जबकि सारंगपुर में पार्षद और पार्षद प्रतिनिधियों के द्वारा अपने परिजनों के नाम से यह लाभ लिया जा रहा है। इसकी भी जांच जरूरी है।
सूत्रों की मानें तो यह मामला सिर्फ एक वार्ड तक सीमित नहीं है। कई जगहों पर योजना का इसी तरह दुरुपयोग हुआ है। जनप्रतिनिधियों और अफसरों की मिलीभगत से जरूरतमंदों को लाभ नहीं मिल पा रहा। भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबाव योजना की सफलता में बाधा बन रहे हैं, जबकि नियमानुसार ऐसे मामलों को चिन्हित कर प्रशासन को तत्काल एफआईआर दर्ज करना चाहिए ताकि नियम विरुद्ध योजना से लाभांवित हो रहे लोगों पर लगाम लगे। भ्रष्टाचार और मनमानी करने वाले जनप्रतिनिधि एवं अधिकारियों से राशि वसूली जाए। साथ ही उन्हें भविष्य की योजनाओं से वंचित किया जाए। जिला स्तर से कार्यों की स्वतंत्र निगरानी व्यवस्था बनाए जाने की जरूरत है।
पीएम आवास योजना में मेरा आवास पार्षद निर्वाचित होने से पूर्व स्वीकृत हो चुका है। आवास उसी स्थान पर निर्माण किया गया है जहां पर स्वीकृति मिली है। यह आरोप झूठे हैं कि दूसरे स्थान पर मकान बना है। आप देख सकते हैं और निरीक्षण कर सकते हैं।
- भानु लववंशी, पार्षद प्रतिनिधि, वार्ड 18, सारंगपुर।
वार्ड नंबर 18 में पीएम आवास योजना के मामले में शिकायत सामने आई है, इसकी जांच की जाएगी। दोषी पाए जाने पर रिकवरी सहित नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
- ज्योति सुनहरे, सीएमओ, नपा, सारंगपुर।
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