नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। शहर सहित जिले में गुरुवार के बाद शुक्रवार को भी वर्षा हुई। शहर और आसपास के इलाकों में बरसात के कारण शिप्रा नदी का जलस्तर फिर बढ़ गया। इससे रामघाट स्थित मंदिर डूब गए। शिप्रा आरती द्वार आधा डूबा नजर आया। शहर में गुरुवार सुबह आठ बजे से शुक्रवार आठ बजे तक कुल 43 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। अब तक जिले में 541.5 मिमी वर्षा हुई है। यह अब तक के औसत (653.5 मिमी) से कम है।
नागदा जंक्शन। दो दिन से लगातार हुई झमाझम बरसात ने पिछले वर्ष का अभी तक रिकार्ड तोड़ दिया है, एक इंच वर्षा अधिक हुई है। गर्मी कम नहीं हुई है पर सोयाबीन की फसल में एक फिर जान आने से किसान की चिंता दूर हो गई है। सोयाबीन 4200 से 4250 बिक रही है। भाव बढ़ने की संभावना खत्म हो गई है।
पिछले वर्ष अभी तक 696 एमएम यानी पौने 28 इंच वर्षा हुई थी। इस बार 715.7 एमएम लगभग 29 इंच वर्षा दर्ज की गई है। पिछले वर्ष का रिकार्ड इस वर्ष तोड़ दिया है। वर्षा की लंबी खेंच के चलते सोयाबीन की फसल दम तोड़ने लगी थी, किसानों को चिंता सताने लगी थी। पानी की अति आवश्यकता थी।
इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वर्षा और होगी। दो दिन में हुई झमाझम बरसात ने सोयाबीन के भाव फिर नीचे ला दिए। फसल मुरझाने के बाद सोयाबीन की फसल में भाव बढ़ने लगे थे।
भाव 4250 रुपये ही रह गया। पीले सोने की फसल किसानों के लिए बचत का सौदा होती है। इसके भाव भी 6 हजार रु. से ऊपर तक जाते हैं। पिछले दो वर्षों से सोयाबीन की फसल 5 हजार रु. से ऊपर नहीं गई, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है।