नईदुनिया प्रतिनिधि, उज्जैन। महाकुुंभ सिंहस्थ- 2028 की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देशानुसार अधिकारी योजनाओं का खाका तैयार करने में लग गए हैं। बैठकों का दौर शुरू हो गया है। फिलहाल उज्जैन में 18840 करोड़ रुपये के 523 कार्य प्रस्तावित किए गए हैं। 2028 में लगने वाले महाकुंभ में 14 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। आगंतुकों के लिए बुनियादी सुविधाएं बढ़ाने, शिप्रा शुद्धीकरण, सड़कों को ट्रैफिक जाम से मुक्त रखने और पर्यावरण सुधार को ध्यान में रख तैयार की गई है। सीएम मोहन यादव स्वयं इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
प्रस्तावित कार्य योजना में मुख्य रूप से उज्जैन को जोड़ने वाले शेष छह मुख्य मार्गों सहित महाकाल सवारी मार्ग को चौड़ा करने, शिप्रा रीवर फ्रंट डेवपलमेंट करने, रेलवे स्टेशने से महाकाल मंदिर तक रोप-वे संचालन, 116 इलेक्ट्रकि बसें संचालित करने, महामृत्युंजय द्वार से त्रिवेणी संग्रहालय फोरलेन एलिवेटेड कारिडोर, छह नए पुल, दो फुट ओवर ब्रिज बनाने, हरिफाटक पुल की चारों भुजाओं को चौड़ा करने, देवास रोड पर कार्गो एयरपोर्ट बनाने, पंचकोशी यात्रा मार्ग के सात पड़ाव स्थलों पर बुनियादी कार्य कराने, देवास रोड फोरलेन सड़क परियोजना से छूटे हिस्से (नागझिरी से दताना तक) काे 38 करोड़ 52 लाख रुपये से फोरलेन में तब्दील करने, कचरा प्रबंधन और शिप्रा नदी के जल की शुद्धि करने सहित सैकड़ों अन्य प्रस्ताव भी शामिल है।
भगवान महाकाल के दशनार्थ इंदौर रोड के रास्ते आने आने लोगाें के लिए शिप्रा नदी किनारे महावीर तपोभूमि के पीछे से बड़नगर-बदनावर मार्ग से शुरू होकर त्रिवेणी, शनि मंदिर, दाऊदखेड़ी, भूखी माता मंदिर, कार्तिक मेला मैदान होकर नया मार्ग बनाना भी प्रस्तावित किया है। इससे हरिफाटक पुल पर यातायात का दबाव काफी हद तक कम होगा। दावा है कि उज्जैन में सुविधाओं विकास होने, नए आकर्षण जुड़ने से पूरा होने पर उज्जैन वैश्विक धार्मिक शहर की पहचान बनाएगा।
2016 के सिंहस्थ में आठ करोड़ लोग सम्मिलित हुए थे। इनके लिए बुनियादी सुविधाएं जुटाने पर तब सरकार ने 4500 करोड़ रुपये खर्च किए थे। तब 11 नए पुल बनाए गए थे और 100 से अधिक सड़कों को चौड़ा किया था। हालांकि उस दौरान कुछ कमियां रह गई हैं। नहान क्षेत्र से सैटेलाइट टाउन दूर बनाना, कुछ पुलों का अधूरा निर्माण जैसी कमियां रह गई थीं।
रूद्रसागर के सामने तकिया मस्जिद से सटी 2.135 हेक्टेयर जमीन पर 2000 वाहन पार्क कराने को मल्टीलेवल पार्किंग बनाई जाएगी। इसके लिए जमीन पर बने 253 मकानों का अधिग्रहण करने को पिछले वर्ष धारा 11 लागू कर धारा 21 का प्रकाशन हो चुका है। इस प्रोजेक्ट पर 150 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। प्रशासन ने देवास गेट बस स्टैंड को मल्टीलेवल ट्रांजिट हब के रूप में नवीनीकरण करने, नानाखेड़ा बस स्टैंड का पुनर्विकास करने, बसाें के संचालन के लिए सड़कों काे चौड़ा करना प्रस्तावित किया है।
प्रशासन ने उज्जैन शहर के सात मुख्य मार्गों पर 100 इलेक्ट्रिक बसें चलाने और उज्जैन से पड़ोसी शहर इंदौर, देवास, भोपाल, ओमकारेश्वर, मंदसौर, नलखेड़ा, बड़नगर, शाजापुर, रतलाम तक 16 इलेक्ट्रिक बसें चलाना प्रस्तावित किया है। नानाखेड़ा बस स्टैंड के समीप और मक्सी रोड स्थित सिटी बस डीपो सहित 10 विभिन्न स्थानों पर इलेक्ट्रिक बसाें एवं अन्य वाहनों को चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन बनाना भी प्रस्तावित किया है। शहर में 250 ई-रिक्शा चलाने, दताना हवाई पट्टी के विकास, इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो रेल संचालन करने, कोर सिटी क्षेत्र में जनसंख्या घनत्व काे कम करने, उज्जैन विकास प्राधिकरण एवं हाउसिंग बोर्ड द्वारा नई टाउनशिप का विकास करने की भी योजना है।
कार्ययोजना बनाई है
सिंहस्थ 2028 के लिए विभागवार कार्ययोजना बनाकर प्रस्तावित की है। श्रद्धालुओं की बुनियादी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। कार्ययोजना