धर्म डेस्क। इस बार पूर्णिमा के दिन 7 सितंबर को चंद्र ग्रहण होगा। इसका सूतक काल नौ घंटे पहले आरंभ होगा। यह ग्रहण भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर लगेगा। यह भारत सहित प्रशांत महासागर, हिंद महासागर, ऑस्ट्रेलिया और पश्चिमी देशों में दिखाई देगा।
हिंदू धर्म में चंद्रग्रहण को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। भारतीय समयानुसार ग्रहण का आरंभ रात 9:57 बजे होगा। इस दौरान ग्रहण का पूरा प्रभाव भारतवर्ष में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। बताया कि चंद्र ग्रहण से लगभग नौ घंटे पूर्व सूतक काल प्रारंभ हो जाता है। इसलिए सात सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से सूतक का आरंभ होगा और ग्रहण के समाप्त होने तक इसका प्रभाव रहेगा।
कुंभ राशि में चंद्रमा राहु के साथ और सिंह राशि में सूर्य केतु के साथ मिलकर यह ग्रहण कर्मिक पैटर्न्स, आध्यात्मिक ऋण और भावनात्मक परिवर्तन को सामने लाएगा। हर व्यक्ति पर इसका असर अलग-अलग होगा। इस समय उपाय और सजग रहना बेहद अहम रहेगा।
चंद्र ग्रहण आपके सामाजिक दायरे, महत्वाकांक्षाओं और उम्मीदों के भाव को सक्रिय करेगा। दोस्तों या प्रोफेशनल नेटवर्क में अचानक बदलाव हो सकता है। असली लक्ष्यों से दोबारा जुड़ने का मौका मिलेगा, लेकिन ग्रुप में अहंकार की टक्कर से बचना होगा। आध्यात्मिक तौर पर यह समय आपको मोह-माया छोड़कर पूर्वजों से सफलता का आशीर्वाद लेने का संदेश देता है।
चंद्र ग्रहण आपके करियर के मामलों में हलचल ला सकता है। पहचान में देरी हो सकती है, लेकिन छिपे हुए मौके भी सामने आ सकते हैं। प्रोफेशनल पार्टनरशिप में धैर्य की जरूरत है। यह समय आत्मचिंतन और लंबे समय की योजना बनाने का है, जल्दबाजी से बचें। पितरों का आशीर्वाद करियर में स्थिरता देगा।
यह ग्रहण आपको आध्यात्मिक और बौद्धिक लाभ देगा। यात्रा, उच्च शिक्षा और विस्तार पर ध्यान रहेगा। ज्ञान और शोध के मौके मिलेंगे, विदेश संबंध भी खुल सकते हैं। पुराने विश्वासों से भावनात्मक दूरी बन सकती है और नई सोच के लिए जगह बनेगी। पितरों का आशीर्वाद आपको बुद्धि और स्पष्टता देगा।
यह ग्रहण साझा धन, विरासत और छिपे मामलों को प्रभावित करेगा। पारिवारिक संपत्ति और कर्ज़ को लेकर मुद्दे आ सकते हैं। अचानक खर्चे भी सामने आ सकते हैं। आपकी भावनाएं गहरी होंगी, लेकिन यह आत्मा की शुद्धि का समय है। सच्चे मन से श्राद्ध करने से पितृ ऋण मुक्त हो सकते हैं और आंतरिक शांति मिलेगी।
ग्रहण आपके रिश्तों और साझेदारी पर असर डालेगा। भावनात्मक गलतफहमियां हो सकती हैं। लेकिन इसी के साथ साफ पता चलेगा कि असली सहयोगी कौन है। पुराने कर्म संबंध भी सामने आ सकते हैं। इस पवित्र दिन माफ करने पर ध्यान दें। पितृ अनुष्ठान रिश्तों में सामंजस्य लाएंगे।
ग्रहण आपके स्वास्थ्य और दिनचर्या में बदलाव ला सकता है। कार्यस्थल पर अनिश्चितता हो सकती है, लेकिन छिपी हुई ताकतें भी सामने आएंगी। यह जीवनशैली सुधारने और काम-आत्मविकास में संतुलन लाने का समय है। पितरों का आशीर्वाद मानसिक और शारीरिक तनाव से उबरने में मदद करेगा।
ग्रहण आपकी रचनात्मकता, रोमांस और बच्चों पर फोकस लाएगा। कला और सृजन में बड़ी प्रेरणा मिल सकती है। भावनाओं की तीव्रता रिश्तों पर असर डालेगी। यह आध्यात्मिक अनुष्ठानों का मजबूत समय है, पूर्वजों का मार्गदर्शन छिपी प्रतिभा को निखारेगा और खुशी देगा। लेकिन निजी जीवन में जल्दबाजी से बचें।
ग्रहण पारिवारिक मामलों और घरेलू जीवन में भावनात्मक गहराई लाएगा। पूर्वजों की संपत्ति, घर में बदलाव या पुराने पारिवारिक मुद्दे सामने आ सकते हैं। यह मेल-मिलाप और कुल का सम्मान करने का समय है। सच्चे मन से किए गए अनुष्ठान शांति और स्थिरता देंगे।
ग्रहण भाई-बहनों और यात्राओं से जुड़े मामलों को प्रभावित करेगा। अचानक नए खुलासे आपको नई सीख या कौशल की ओर बढ़ा सकते हैं। यह समय आध्यात्मिक पढ़ाई और पितृ ज्ञान के लिए अच्छा है। श्राद्ध अनुष्ठान परिवार की परंपराओं के जरिए दिव्य मार्गदर्शन देंगे।
ग्रहण से आर्थिक उतार-चढ़ाव आ सकता है। आय और खर्च अचानक बदल सकते हैं। शुरुआत में असहजता होगी, लेकिन यह समय प्राथमिकताओं को दोबारा सोचने का है। सच्चे मन से किए गए श्राद्ध से पितरों का आशीर्वाद मिलेगा और आर्थिक नींव मजबूत होगी।
चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2025) कुंभ राशि में ही हो रहा है। आपके लिए यह गहरा और परिवर्तनकारी समय है। भावनात्मक बदलाव और अचानक खुलासे होंगे। कर्मिक पैटर्न मजबूती से सामने आएंगे। यह अस्थिर करने वाला समय होगा, लेकिन आपको गहरे आत्मिक पुनर्जन्म का मौका देगा। श्राद्ध अनुष्ठान पितृ दोष दूर करेंगे।
ग्रहण आपके अवचेतन, अध्यात्म और गुप्त शत्रुओं पर असर डालेगा। सपनों में महत्वपूर्ण संदेश आ सकते हैं। पितरों का आशीर्वाद आपकी अंतर्ज्ञान शक्ति को मजबूत करेगा। एकांत या साधना आपके लिए लाभकारी रहेगी। श्राद्ध कर्मिक ऋणों की शुद्धि करेंगे और आपको सूक्ष्म पितृ ऊर्जा से जोड़ेंगे।