नईदुनिया प्रतिनिधि, खंडवा। शनिवार को श्रावणी पूर्णिमा है और श्रावणी पूर्णिमा को संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह ऋषि मुनियों के स्मरण का दिन भी है। प्राचीन काल में आज से ही विभिन्न गुरुकुलों में शिष्य विद्या अध्ययन का कार्य प्रारंभ करते थे। कुछ विदेशी विद्वानों ने संस्कृत भाषा को ग्रीक और लैटिन से भी पुरानी भाषा के रूप में स्वीकार किया है।
जिले की संस्कृत प्रभारी निशा तिवारी ने संस्कृत भाषा के महत्व को दर्शाते हुए बताया कि संस्कृत भाषा मंत्र, पूजा, पाठ की भाषा नहीं है। यह भाषा मौसम विज्ञान, आयुर्वेद, खगोल विज्ञान, न्याय व्यवस्था, कृषि, प्रौद्योगिकी, संगीत तथा चित्रकला आदि अनेक विधाओं का भी मूल स्रोत है।
नई पीढ़ी को रामायण, महाभारत तथा भगवत गीता जैसे महान ग्रंथों से परिचित कराना अत्यंत आवश्यक है। आधुनिक युग में यदि अंग्रेजी भाषा का अध्ययन आवश्यक है तो वर्तमान पीढ़ी को संस्कारित करने के लिए संस्कृत भाषा का ज्ञान भी परम आवश्यक है। संस्कृत भाषा का प्रचार प्रसार सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व में होना चाहिए।
इसी तारतम्य में पूरे मध्य प्रदेश में संस्कृत सप्ताह मनाया जा रहा है। जो रक्षाबंधन के तीन दिन पूर्व से प्रारंभ होकर तीन दिन बाद तक चलता है। खंडवा जिले की सभी संस्थाओं में संस्कृत सप्ताह का समापन 12 अगस्त को होगा।