एजेंसी, काठमांडु। नेपाल सरकार ने गुरुवार को बड़ा कदम उठाते हुए फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स (पूर्व ट्विटर) सहित 26 प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बैन लगा दिया। यह निर्णय नेपाल के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत लिया गया है, जिसमें सभी घरेलू और विदेशी सोशल मीडिया कंपनियों को अनिवार्य रूप से रजिस्ट्रेशन कराने का निर्देश दिया गया था। सरकार का कहना है कि इन कंपनियों को बार-बार नोटिस दिए गए, लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया।
यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रहे एक अवमानना मामले (केस नंबर 080-8-0012) से जुड़ी है। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि देश में चल रहे सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाए, जिससे उनकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके और हानिकारक या अवांछित कंटेंट को रोका जा सके। कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने 28 अगस्त को इन कंपनियों को सात दिन का समय दिया था, जिसकी समयसीमा बुधवार रात समाप्त हो गई।
नेपाल के सूचना और संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरंग ने बताया कि नवंबर 2023 से अब तक पांच बार सार्वजनिक नोटिस और सीधी बातचीत की कोशिशें की गईं, लेकिन मेटा जैसी बड़ी कंपनियों ने कोई जवाब नहीं दिया। सरकार के प्रवक्ता गजेंद्र ठाकुर ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे थे कि कंपनियां समयसीमा से पहले रजिस्ट्रेशन कर लेंगी, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया। मजबूरी में हमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश को लागू करना पड़ा।
फिलहाल नेपाल में केवल कुछ ही ऐप्स पूरी तरह सक्रिय रहेंगे। इनमें टिकटॉक, वाइबर, विटक, निंबज़ और पोपो लाइव शामिल हैं। टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी की समीक्षा चल रही है। हजारों अन्य ऐप्स जैसे व्हाट्सएप, रेडिट, लिंक्डइन और यूट्यूब पर भी बंदिशें लग सकती हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह बैन स्थायी नहीं है। कंपनियां रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी करती हैं और स्थानीय नियमों का पालन करती हैं, तो सेवाएं दोबारा शुरू हो सकती हैं। सरकार का कहना है कि यह कदम डिजिटल स्पेस को सुरक्षित बनाने, जवाबदेही तय करने और यूजर्स के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक है।